कसाई रफीक़ और उसके 2 दोस्तों के साथ चुदाई – भाग 1
This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_right कसाई रफीक़ और उसके 2 दोस्तों के साथ चुदाई – भाग 2
-
View all stories in series
हेलो दोस्तो। सभी बड़े लंड वालों को पिंकी का प्यार भरा नमस्कार। आज मैं फिर से एक बार हाजिर हूं अपनी एक नई कहानी को लेकर।
जैसा आप सभी को पता है कि पिछली कहानी में मैंने बताया था कि कैसे असलम के 5 दोस्तों ने मिल कर मेरी चुदाई की थी और मेरी जवानी का रस निचोड़ा था। ये कहानी उसके बाद की है।
असलम के दोस्तों से ग्रुप में चुदाई करवाई तो जैसे मेरी सेक्स की भूख एक दम से बढ़ ही गई थी।
हालाकि असलम मुझे अच्छे से चोदते थे लेकिन उसके बाद भी मै दुसरे मर्दों के लंड का मजा मिस करने लगी थी। फिर मैंने सोचा के किसी दूसरे मर्द के साथ चक्कर चला लू लेकिन मुझे डर था के कहीं असलम को पता ना चल जाए।
मैंने ऑनलाइन फर्जी प्रोफाइल बना कर लोगो से चैट किया था लेकिन मुझे कोई ढंग का मर्द नहीं मिला। एक दिन की बात है असलम को अपने किसी काम से दिल्ली से बाहर जाना था। तो मुझे फोन करके 3 दिन के लिए बोला बहार जा रहे हैं। फिर वापस आ जाएंगे और मैं उनके और उनके 2 साथियों के लिए चिकन बना दू।
शाम को वो लोग 8 बजे निकल जाएंगे फिर मैं भी कॉल कट करके चिकन बनाने की तयारी में लग गई। तब मुझे पता चला के चिकन तो खतम हो गया है। तो मैंने ऑनलाइन ऑर्डर करने की सोची। लेकिन कुछ समस्या होने की वजह से चिकन डिलीवर नहीं हो रहा था मेरी लोकेशन पर।
तब मैंने सोचा के मैं मार्केट से जाकर ले आती हूं क्योंकि 1-2 बार असलम मुझे लेकर गए थे वहा पर अपने साथ। फिर मैंने अपनी नाईटि उतारी और एक बढ़िया सा पीले रंग का सलवार सूट पहन कर तैयार हो गई। मैंने अंदर क्रीम कलर की सैटिन पैंटी और ब्रा पहनी थी।
जो सूट मैंने पहना था वो आगे से थोड़ा सा खुला हुआ था और टाइट था जिसके कारण से मेरे स्तन एक दम उभरे हुए थे और सेक्सी सा क्लीवेज बन रहे थे। मेरा सलवार एकदम फिट था जिसमें मेरी गांड का उभार साफ नजर आ रहा था।
फिर मैंने थोड़ा सा हल्का मेकअप किया। मांग में सिन्दूर भरा और मै मार्केट के लिए ऑटो लेकर निकल पड़ी। जब मैं ऑटो में बैठी थी तो ऑटो वाला मुझे घूर रहा था अपने मिरर से। फिर 10 मिनट में मैं मार्केट पहुच गई वहा बहुत ज्यादा भीड़ थी और ज्यादा मर्द ही थे।
जब मैं असलम की पहचान वाली दुकान की तरफ जा रही थी तो सभी लोग मुझे घूर घूर के देख रहे थे। कुछ कसाई तो अपना लंड भी मसल रहे थे मेरी गांड और चुचियों को देख कर। 2-3 मिनट तक चलने के बाद मैं दुकान पर पहुची।
वहा पर जो कसाई था उसका नाम था रफीक। उसने मुझे देखते ही पहचान लिया और नमस्ते किया। रफीक की उम्र 44 साल है और वो अच्छा हटता कट्टा मर्द था। चौड़ी छाती। मजबूत बाज़ू। सवाला सा चेहरा और उसपर उसकी लंबी दाढ़ी थी।
रफीक – नमस्ते भाभी जी। आइए आज यहां कैसे आना हुआ?
मैं – नमस्ते रफीक भाई। मुझे चिकन लेना था इसीलिए आना पड़ा।
रफीक मुझसे बात करते वक्त मुझे एक दम भूखे कुत्ते की तरह देख रहा था जैसा अभी वो मुझे शटर गिरा के चोद देगा। उसकी नजर मेरे मस्त बूब्स पर थी और उसके मुंह से लार टपक रही थी। उसके पजामे से उसका लंड साफ पता चल रहा था। करीब 8 इंच का होगा।
रफीक का लंड ऊपर से देख कर मेरा मन मचलने लगेगा। फिर मैंने उसको बोला के मुझे चिकन दे दो 2 किलो।
जिसपर रफीक बोला – भाभी जी असल में आज चिकन खत्म हो गया गया है और अभी गाड़ी रास्ते में है थोड़ी देर आती होगी। अगर आपको कोई दिक्कत न हो तो आप मेरे ऑफिस में थोड़े देर इंतजार कर लीजिए। 10 मिनट में गाड़ी आ जाएगी।
जिसपर मैंने सोचा के ठीक ही है। कम से कम जान पहचान वाले के यहां से मिल जाएगा चिकन और 10 मिनट रुकने में कोई हर्ज नहीं है। क्या पता इसी बहाने मुझे नया लंड मिल जाए।
फिर रफीक मुझे ऑफिस ले गया और वहा पर बैठा दिया। और मुझे चाय ऑफर किया।
वो खुद भी चाय लेकर वही बैठ गया और मुझसे बात करने लगा। वो लगातार था मुझे घूर रहा था और मेरी तारीफ कर रहा था जैसे आप बेहद सुंदर हैं। असलम साहब किस्मत वाले हैं ऐसी औरत उनकी जिंदगी में है।
फिर मैंने उसको पूछा के उसके घर में कौन कौन है। तब उसने बताया के वो और उसकी 2 बेटियां हैं बाकी का परिवार हरियाणा के एक गांव में रहता है। और उसकी बीवी ने उसे तलाक ले लिया है। तब मैंने उसे तलाक की वजह पूछी तो वो बात टालने लगा।
मैं – क्या रफीक भाई तलाक क्यों हुआ आपका?
रफीक – रहने दीजिए ना भाभी जी। आपको बता नहीं सकता। अगर बताया तो असलम साहब मुझे जेल में ही डाल देंगे।
मैं – क्या रफीक भाई कुछ नहीं होगा बताओ तो सही मैं असलम से नहीं बताने वाली।
रफीक- अरे नहीं भाभी जी रहने दो।
मैं- तुम बताते हो या मैं दूसरी दुकान चली जाउ?
रफीक- अच्छा ठीक है भाभी बताता हूं पर प्लीज आप असलम साहब से ना बोलना।
मैं- ठीक है। नहीं बताउंगी।
रफीक – भाभी जी मेरी बीवी को मैं सेक्स के टाइम कुछ ज्यादा ही परेशान कर देता था इसलिए उसने मुझे तलाक ले लिया।
मैं – क्यों तुम से वो खुश नहीं थी क्या?
ये सब बात मै इसलिए कर रही थी क्योंकि मुझे अब रफीक में दिलचस्पी आने लगी थी।
रफीक – नहीं खुश तो रखता था बस वो मुझे खुश नहीं कर पाती थी।
मैं – ऐसा क्या हो जाता था?
रफीक – वो बात ये है के मुझे गांड मारने का शौक है और मेरी बीवी को मेरा सामान ज्यादा ही बड़ा लगता था और उसे गांड मरवाना पसंद नहीं था इसलिए।
मैं- अरे बाप रे। क्यूं इतना बड़ा था क्या तुम्हारा सामान। अब रफीक भी समझ गया था के मुर्गी यहां खुद हलाल होना चाहती है।
तो वो बोला – हां जी है तो आप चाहो तो देख लो।
मैं – अच्छा। और असलम को पता चला तो?
रफीक – आपके लिए तो जान भी कुर्बान है।
फिर मैं जाकर रफीक की गोद में बैठ गई और हम दोनों ने किस कर लिया। उसने भी मेरी गांड और मेरे स्तनों को ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया। थोड़ी देर किस करने के बाद उसने मेरा सूट उतारना चाहा तो मैंने उसका साथ देना शुरू कर दिया।
अपना सूट ऊपर करके एक चुची उसके मुंह में दे दी। रफीक एक चुची चूस रहा था और दूसरे को अपने हाथ से दबा रहा था। वो बिच बिच मी मेरे निपल को अपने अंगुठे और पहली उंगली से जोर से मिंज देता था जिसे मेरी आह निकल जाती।
फिर उसने मेरी चूची को छोड़ा और मेरी सलवार का नाडा खोला तो।
मैंने उसको बोला – आज नहीं। यहाँ पर कोई भी आ सकता है तुम रात को घर आ जाना वहा पर कोई नहीं होगा। हम आराम से करेंगे सब कुछ।
जिसपर वो मान गया लेकिन उसने रिक्वेस्ट की और उसका लंड एक बार चूसने को बोला तो मैंने भी उसको मना नहीं किया। फिर मैंने घुटने पर बैठ गई और उसका लंड चूसने लगी। मैं इधर लंड चूस ही रही थी के अचानक गेट खुला।
रफीक के बाजू की दुकान के 2 लोग – आलम और हसन आ गए। मेरे मुंह में रफीक का लंड देख वो दोनों हैरान हो गए और उनको देख कर हम दोनों भी डर गए। फिर जैसा तैसे मैंने अपना आपको संभाला और रफीक का लंड निकाल कर अपने आप को ठीक करने लगी।
तब हसन बोला – क्या बात है रफ़ीक भाई असलम साहब के माल पर हाथ डाल दिया तुमने तो।
जिसपर रफीक बोला – अरे नहीं हसन मिया ये तो बस ऐसे ही।
आलम- ऐसे ही क्या, रफीक? ये तुम्हारा लंड चूस रही थी और तुम बड़े मजा चुसवा रहे थे।
मैं- देखो जैसा आप दोनों सोच रहे हो वैसा कुछ नहीं है।
हसन- तो कैसा है, मैडम जी? आप असलम साहब की मैडम हो ना? फिर ये सब क्या अच्छा लगता है करते हुए। सोचो उनको पता चल गया तो क्या होगा?
आलम – और नहीं तो क्या। उनको सब लोग पहचानते हैं यहा पर उनकी तो बदनामी हो जाएगी।
मैं और रफीक उन दोनों से रिक्वेस्ट करने लगे के वो ये बात किसी से ना बोले।
जिसपर आलम बोला – देखो भाई हम दोनों कुछ नहीं बोलेंगे लेकिन आपको हमारा भी ख्याल रखना होगा?
मैं – सॉरी प्लीज पर ये नहीं हो सकता।
हसन मेरे पास आया और मेरी एक चुची पकड़ कर बोला – क्यू नहीं सकता मैडम? जब एक का ले सकती हो तो 2 और भी चल सकते हैं।
और इतना कहकर उसने मेरी चुची को जोर से दबा दिया। जिसपर मेरी चीख निकल पड़ी। मैंने भी सोचा के अगर मैं लोगो की नहीं मानूंगी तो ये लोग बात को फैला ना दे और फिर इसे बदनामी भी हो जाएगी। तो मैने उनको हा कर दिया।
मैं तो वैसे भी एक बार ग्रुप में गांड मरवा चुकी थी तो मुझे ज्यादा डर नहीं था। तब हसन और आलम दोनों खुश हो गए और मेरे पास आ कर मेरे स्तन और गांड सहलाने लगे। दोनों ने रफीक को ऑफिस के बाहर भेज दिया नजर रखने के लिए।
वो दोनो मेरा सूट उतारना चाह रहे थे जिसपर मैंने उन दोनों को मना कर दिया।
मैंने बोला – प्लीज अभी नहीं। अभी मुझे जाना है और जगह भी ठीक नहीं है। तुम लोग जगह का इंतज़ाम करके रफीक को बता देना मैं शाम को आ जाउंगी।
तब हसन बोला – ठीक है लेकिन कम से कम हमें अपना दूध तो पिलाती जाओ और हमारा पानी हाथ से हिला कर निकाल दो।
तो मैंने अपना सूट अपने गले तक उठाया और ब्रा ऊपर करके दोनो के मुंह में एक एक चुची दे दी।
दोनो बड़े मस्ती से मेरी चुचियों को चूसने लगो। फिर दोनों ने अपना लंड बाहर निकाल लिया।
मेरी आंखे फटी रह गई मैंने
हसन का लंड करीब 10 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था एक दम अफ्रीकन आदमी के जैसा मैंने और आलम का लंड भी 9 इंच का आस पास था। दोनों के तगड़े लंड देख कर मेरी गांड में खुजली होने लगी पर मैंने जगह देख कर अपने ऊपर कंट्रोल किया और दोनों के लंड हिलाने लगी।
दोनों मस्ती से मेरा दूध पीने और दबाने में लग गए। फिर करीब 7 मिनट में दोनों का पानी निकलने वाला था तो दोनों ने मुझे घुटनों पर बैठा दिया और मेरा सूट ऊपर करके अपना माल मेरी दोनों चुचियो और पूरा पेट में निकाल दिया। जब मैंने रूमाल से पोछना चाहा तो दोनों ने मना कर दिया ।
और बोले – आप ऐसे ही कपड़े ठीक कर लो ये हमारी पहली मुलाकात की निशानी है पिंकी मैडम।
फिर मैंने अपना सूट ठीक किया और ऑफिस से बाहर आ गई। मेरी ब्रा और मेरा सूट हल्का गीला हो चुका था क्योंकि दोनों ने बहुत सारा माल निकाल दिया था मेरी बॉडी पर।
फिर मैं चिकन खरीद कर रफीक के पास अपना नंबर छोड़ के वहां से निकल गई। जब मैं रोड की तरफ जा रही थी तो सब मुझे घूर रहे थे । और मेरे हल्के गीले सूट को आंख फाड़ फाड़ कर देख रहे थे।
जैसे तैसे मैं बाहर आकर एक ऑटो लेकर घर पहुंच गई। जब मैं घर आई तो करीब 5 बज रहे थे। मैंने घर आकर सबसे पहले अपने कपड़े उतारे और बाथरूम में नहाने चली गई। जब मैंने कपड़े उतारे तो मैंने देखा के उन दोनों का माल पूरा सुख गया था ।
और उसमें से एक अलग ही खुशबू आ रही थी। फिर मैं जल्दी से नहा कर बाहर आई। मैने तब एक पर्पल कलर की फ्लोरल ब्रा और पैंटी पहन ली । और उसके ऊपर एक व्हाइट कलर की साटन नाइटी पहन कर खाना बनाने चली गई।
थोड़े देर बाद मेरी जान असलम घर आ गये। तब तक मैं खाना बना कर पैक कर चुकी थी।
असलम को आते ही मुझे सफेद सेक्सी नाइटी में देख कर जोश में आ गया और मुझे अपनी बाहों में ले लिया।
फिर वो मुझे बेडरूम में ले गये तो मैंने उनको बोला के पहले फ्रेश हो जाओ । तो वो बोले के पहले एक राउंड कर लेते हैं फिर जाने से पहले एक बार करेंगे। फिर उन्होने अपने सारे कपडे उतारे और मेरी भी नाइटी निकल के फेंक दी।
उसके बाद उन्होने पहले 5 मिनट तक मुझे फ्रेंच किस किया और मेरे दोनों स्तनों को दबाने लगे।
फिर मेरी ब्रा को उतार कर दूध चूसने में लग गये। थोड़े देर बाद उन्होने मुझे छोडा और घुटने पर बैठा कर लंड मेरे मुँह में डालकर मेरा मुँह चोदने लगे।
फिर वो बिस्तर पर लेट गये और मै उनके ऊपर चढ़ कर रिवर्स काउगर्ल पोजीशन में लंड को सेट किया और असलम धक्का लगाने लगे। करीब 10 मिनट तक मुझे ऐसे चोदने के वो मुझे पीठ के बल लिटा कर मिशनरी स्टाइल में चोदने लगे।
मैंने भी अपने दोनों टाँगों को जोड़कर उनके कमर पर लपेट लिया और उनका सर मेरी चुचियों पर दबाने लगी जिसपर उन्होने मेरा दूध चूसना चालू कर दिया।
मैं बहुत गरम हो गई थी – आह आह। मुझे चोदो। चोदो मुझे मिया जी। अपनी बीवी को अच्छे से चोदो। मेरी गांड बहुत प्यासी है बुझा दो अपनी बीवी की प्यास। आह मिया जी आह। यसस्स चोदो मुझे।
असलम- हा रंडी ले। अब 3 दिन तेरी गांड नहीं मिलेगी तो तेरी प्यास नहीं बुझा पाउंगा आज ले ले अच्छे से मेरे लंड का मजा फिर तू डिल्डो से काम चलाना। आह बहुत गदरा गई है मेरी रांड तू। तेरी गांड और चूची तो मस्त हो गई है।
मैं – आह। हा मिया जी अब 3 दिन मैं कैसे काट पाऊंगी तुम्हारे लंड के बिना । (मैं मन ही मन सोच रही हूं थी के कैसे मैंने अपने लिए 3 नए लंड का जुगाड़ किया है और इस चूतिये को पता भी नहीं है)। आह मर गई मैं।
फिर थोड़े देर में असलम झड़ने वाले थे तो अपना लंड खोल के मेरे मुँह में डाल दिया और पूरा माल निकल दिया जिसको मैं पूरी पी गई। इसके बाद असलम नहाने चले गए और मैंने भी उनका सामान पैक कर दिया इतने में मेरे फोन पर हसन का मैसेज आया।
हसन – हैलो मेरी रंडी। आज रात तू 9:30 बजे। इस पते पर पहुँच जाना। आज तू एक सफेद रंग की साड़ी और अंदर के कपड़े लाल रंग के पहन कर आना।
फिर मैंने मैसेज पढ़ा कर एड्रेस सेव किया और मैसेज डिलीट कर दिया। उसके बाद मैंने एक सफेद रंग की अच्छी सी साड़ी निकाल ली जो बॉर्डर पर वर्क से भरी थी । और लाल ब्रा और लाल रंग की पैंटी निकाल के अलग से रख दिया।
इसके बाद असलम नहा कर आए और फिर मुझे एक बार और जम कर चोदा करीब 7:30 बजे असलम निकल गए।
इसके आगे की कहानी अगला भाग में मुझे अपनी राय जरूर भेजे- [email protected].
What did you think of this story??
Comments